The Rain in the City/ शहर में बरसात
By Purnima Varman
It rained in the city
The night turned cold and wet
How nice were the soft raindrops
Striking on the windowpanes
Rows of speeding cars slowed down
on the road
Colourful lights are reflecting
Decoration of the market
Big and huge glow signs
look amazing through the shower of rain
The windscreen gets blurred
Wipers work very hard
And the babbling crowd subsides.
In a small cafe
sliding down the window panes
a boy shrinks inside and smiles.
Stirring and frying falafel
Running and serving
hot cups of coffee
Rain drops get faster
on darker roads
Typing a new rain song
But who is the typist?
शहर में बरसात
(दुबई में कार के भीतर से, जहाँ बरसात कभीकदा ही होती है)
शहर में बरसात हुई
भीगी सी ठंडी सी रात हुई।
भली लगीं खिड़की पर
शीशे से टकरातीं कोमल बौछारें
सड़कों पर मंद हुई
तेज़ तेज़ दौड़ रही कार की कतारें
प्रतिबिम्बित होती हैं बहुरंगी बत्तियां
सजधज बाज़ारों की
बड़े बड़े ग्लो साइन
बारिश की धारों में अजब समा देते हैं
धुँधलाता है सामने का कांच
कठिन श्रम करते हैं वाइपर
परे सिमटती है कोलाहल भरी भीड़
छोटे से कैफे में
शीशे गिराता है लड़का
सिमटा मुस्काता सा
कड़ाहे में पलटता है बार बार
फ़िलाफल के पकौड़ों को
दौड़ दौड़ कर परोसता है कावा के गर्म प्याले
गहराई सड़कों पर
टिप टिप कर बहुत तेज़
होता है टंकित नया गीत वर्षा का
कौन है लिपिक?